याद

आज फिर तुझे याद किया
खुली आंखों से सपनो का आगाज़ किया
नींद का सौदा रात के साथ किया
हर क्षण को स्वपनों का तेरे उपहार दिया
आज फिर तुझे याद किया
अतीत को न जाने कितनी बार यथार्थ किया
वर्तमान से भूत में जाने का कई बार प्रयास किया
सुखद पलों को सज्जित अपने वर्तमान का हार दिया
आह! स्मृति मात्र को अपने जीवन का आधार किया
आज फिर तुझे याद किया
– हर्षिता

“याद” के लिए प्रतिक्रिया 3

      1. Your always welcome and that’s all what you deserve actually!😊👍

        Liked by 1 व्यक्ति

टिप्पणी करे

Design a site like this with WordPress.com
प्रारंभ करें