मेरी डायरी

ज़िंदगी में ऐसे ना जाने कितने मौके आते हैं जब हम सोचते है की अगर हमने अपना ये लक्ष्य पा लिया तो हमारी ज़िंदगी से सारी समस्या समाप्त हो जाएगी। उदाहरण के लिए जब हम छात्र होते है तो हमे लगता हैं की अगर हमनें परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया और अच्छे मार्क्स स्कोर किए तो हमारी सारी समस्या खत्म हो जाएंगी।जब हम थोड़े और बड़े होते है तो लगता है की बस अच्छी सी नौकरी लग जाए फिर तो जीवन में कोई समस्या ही नहीं रहेगी , पर नौकरी लग जाने के बाद सोचते है की बस अपने मन पसंद व्यक्ति से विवाह हो जाए तो जीवन परेशानियों से मुक्त हो जायेगा । फिर विवाह पश्चात सोचने लगते है की बच्चे अच्छे से पढ़े, उनकी नौकरी लग जाए , अच्छे घर में शादी हो जाए तो सभी समस्यों का हाल हो जायेगा । इसी उधेड़ बुन में ना जाने कब वृद्धावस्था आ जाती हैं और फिर जीवन का अंत मृत्यु।

हमारे सपनों के पूरे होने पर ज़िंदगी पहले से खुबसूरत तो हो जाती हैं पर सच तो ये है इन सबके बाद भी जीवन और परेशानियां कभी अलग नहीं होती । उनका एक दूसरे के साथ बहुत गहरा बंधन होता है । वो हमेशा एक दूसरे से जुड़ी रहती हैं। और देखा जाए तो जीवन का आनंद भी इसी में हैं।

अगर समस्याएं ना हो तो इंसान का जीवन तालाब की तरह हो जायेगा । इसे नदी की तरह सुंदर और पवित्र बनाने के लिए मुश्किलों का आना बेहद ज़रूरी हैं।

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