मनमोहक

प्रतिक्षण नूतन वेश बनाकर रंग-बिरंग निराला।
रवि के सम्मुख थिरक रही हैं नभ में वारिद-माला।
– रामनरेश त्रिपाठी

“मनमोहक” के लिए प्रतिक्रिया 13

  1. इस माला की थिरकन ने,
    मन मोह लिया तुम्हारा ।
    देखत देखत मोह लिया,
    जाको रूप बड़ा अति प्यारा।।

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  2. सत्य प्रतिशत सत्य और बेहद उम्दा 🌺😊

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